वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज: जेल से भागे कैदी को मंगलवार रात पुलिस ने खीरों स्थित उसके गांव के पास से पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि मां की बहुत याद आती थी। इसीलिए रहा नहीं गया और मां से मिलने की खातिर जिला कारागार के कृषि फार्म से भाग गया।
खीरों के पूरे भगत का पुरवा गांव निवासी राजकुमार 2021 में चोरी के मामले में जेल बंद हुआ था। चार अगस्त 2022 को उसे एक साल की सजा हुई थी। 15 मार्च को उसे जेल के कृषि फार्म ले जाया गया था, जहां से वह भाग गया था। जेल अधीक्षक की तहरीर पर कैदी राजकुमार के खिलाफ सुरक्षा तोड़कर जेल से भागने और जिला कारागार में तैनात हेड वार्डर रामनरेश भार्गव, बंदीरक्षक ज्ञानेंद्र सिंह, हिमांशू बाल्यान और जेल की सुरक्षा में बाहर तैनात सिपाही जयकुमार के खिलाफ सदर कोतवाली में डयूटी के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप का केस दर्ज कराया गया था।
पुलिस काफी दिनों से उसकी तलाश कर रही थी। इसी बीचजेल अधीक्षक सत्य प्रकाश सिंह और एसओजी प्रभारी संजय कुमार सिंह ने पुलिस टीम के साथ मंगलवार रात करीब एक बजे कैदी को उसके गांव के पास से पकड़ लिया। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि जेल कृषि फार्म से भागने के बाद कैदी कुछ दिन इधर-उधर घूमता रहा।
इसके बाद वह अपने गांव पहुंचा, तभी उसे पकड़ लिया गया। जेल अधीक्षक ने बताया कि पूछताछ में कैदी ने बताया कि उसे मां की याद आ रही थी। मां से मिलने की खातिर वह भागा था। मां से मिलने के लिए गांव जा रहा था, तभी पकड़ लिया गया। कैदी को जेल भेज दिया गया है।
13 जून को पूरी होने वाली थी सजा
राजकुमार 13 जून को अपनी सजा पूरी कर रिहा होने वाला था। लेकिन इसके पहले ही वह जेल से फरार हो गया। जेल अधीक्षक ने बताया कि चोरी के मामले में उसे एक साल की सजा हुई थी। 13 जून को उसकी सजा पूरी होने वाली थी।